स्वावलंबन, भारतीय गांवों की है मुख्य शक्ति और विशेषता – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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Self-reliance is the main strength and specialty of Indian villages - Chief Minister Dr. Yadav
Self-reliance is the main strength and specialty of Indian villages - Chief Minister Dr. Yadav

Self-reliance is the main strength and specialty of Indian villages – Chief Minister Dr. Yadav

  • गौ-माता की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी राशि
  • प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ग्रामीण जीवन को बनाया सुविधाजनक और विकासपरक
  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश पर तीन दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्वावलंबन ही भारतीय गांव की मुख्य शक्ति और उनकी विशेषता रही है। हजारों साल की गुलामी के बावजूद भारतीय समाज ने अपने सांस्कृतिक स्वरूप और मूल्यों को गाँवों के स्वावलंबन के बल पर ही अक्षुण्य बनाए रखा है। “आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश” विषय पर संगोष्ठी, पंचायतों और ग्रामों को आर्थिक रूप से अधिक सशक्त और विकास परक बनाने में प्रभावी रूप से सहायक होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा “आत्मनिर्भर पंचायत- समृद्ध मध्य प्रदेश” विषय पर कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित संगोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर यह बातें कही। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री ऐदल सिंह कंषाना, पशुपाल राज्य मंत्री श्री लखन पटेल एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह तथा अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे।

हर घर में जल और हर खेत में सिंचाई के लिए हो रहे हैं विशेष प्रयास

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रावण मास में आरंभ हुई तीन दिवसीय कार्यशाला में महाकाल बाबा के जयघोष के साथ अपना संबोधन आरंभ करते हुए कहा कि भारतीय गाँव अनुशासित, संयमित और परम्परा व मूल्यों के अनुसार जीवन जीने के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वावलंबी ग्राम की व्यवस्था को सशक्त करने के प्रयासों से ग्रामीण जीवन अधिक सुविधाजनक हो रहा है और ग्रामीणों को प्रगति के भी पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा हर घर में नल से जल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन संचालित है तथा हर खेत में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था के उद्देश्य से स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार पूरे प्रदेश में प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में नर्मदा घाटी विकास के परिणाम सबके सामने हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को 45-45 हजार करोड़ रूपए उपलब्ध कराए गए हैं। कालीसिंध-पार्वती और चंबल लिंक परियोजना की गतिविधियां आरंभ हो रही हैं। प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ने से किसानों का भी आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है।

दस से अधिक गाय पालने वालों को मिलेगा अनुदान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधार खेती के साथ-साथ पशुपालन को भी राज्य सरकार विशेष महत्व दे रही है। वृद्ध, अस्वस्थ, अपाहिज व असहाय गायों को पालने के लिए राज्य सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराई जाएगी। कांजी हाऊसों को गौ-शाला के रूप में विकसित किया जाएगा और ऐसी गायों की व्यवस्था कांजी हाऊस में की जाएगी। गायों पर दिए जाने वाले अनुदान की राशि में भी वृद्धि की गई है, जो किसान 10 से अधिक गाय पालेंगे, उन्हें अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही फसलों के समान दूध पर बोनस उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी आरंभ की जाएगी। गौ-माता की संवदेनशीलता और आत्मीयता अद्भुत है, गौ-पालन को प्रोत्साहन देने के लिए भी राज्य शासन द्वारा विशेष नीति बनाई जा रही है।

प्रदेश में आयुर्वेदिक केन्द्र विकसित किए जाएंगे

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है, यहाँ आयुर्वेदिक औषधियों की भी भरपूर सम्पदा है। प्रदेश में आयुर्वेदिक केन्द्र भी विकसित किए जाएंगे। प्रदेश में लघु, कुटीर उद्योग तथा बहनों के स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने व आय में वृद्धि के लिए हरसंभव व्यवस्था की जाएगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी की मंशा के अनुरूप किसान, महिला, युवा और गरीब को जोड़ते हुए, उन्हें सशक्त बनाते हुए मध्यप्रदेश आगे बढ़ेगा, पंचायतें भी आत्मनिर्भर होंगी और प्रदेश की समृद्धि को बढ़ाएंगी।

पंचायतों के सम्मुख चुनौतियों और ई-पंचायत व्यवस्था पर भी होगी चर्चा

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि “आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश” पर संगोष्ठी पंचायतराज व्यवस्था को अधिक प्रभावी और सशक्त बनाने में मील का पत्थर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने, हरित मध्यप्रदेश, शहरीकरण से पंचायतों पर प्रभाव, केन्द्र पोषित योजनाओं का क्रियान्वयन, पेसा अधिनियम का क्रियान्वयन तथा वन क्षेत्र से लगी पंचायतों के सम्मुख चुनौतियों पर चर्चा के साथ ही ई-पंचायत व्यवस्था और पंचायतों की कार्य प्रणाली में वित्तीय अनुशासन तथा पारदर्शिता आदि विषयों पर चर्चा होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्य प्रदेश” विषय पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उन्होंने द्रव्य जीवामृत, सामुदायिक जैव संसाधन केंद्र, मनरेगा से आजीविका, संवर्धन पोषण शिक्षा, सामुदायिक पोषण वाटिका और प्राकृतिक खेती पर मंडल मॉडल के स्टॉल देखे। जिला एवं जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सरपंचों के लिए आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी में लगभग 500 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। आभार प्रदर्शन जर्मन कार्पोरेशन (जीआइजेड) के प्रोग्राम डायरेक्टर फरहद वानिया ने किया।