Fourth event of Readers Club, Bhopal
‘Dream Girl’ is a love story – Kunwar Inderjit Singh
भोपाल। रीडर्स क्लब, भोपाल के चौथे पड़ाव में लेखक से मिलिए कार्यक्रम में कुंवर इंद्रजीत सिंह के बहुचर्चित उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ पर चर्चा हुई. लेखक एमसीयू के पहले बैच के विद्यार्थी हैं और वे जनसम्पर्क अधिकारी बनना चाहते थे लेकिन जीवनयापन के लिए जो नौकरी मिली करते चले गए और इस बीच उन्होंने अपने भीतर के लेखक को जिंदा रखा. लेखक इंद्रजीत सिंह कहते हैं कि वर्ष 1998 में उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ के लेखन की शुरूआत हुई जिसे छपने और अन्य प्रक्रिया पूरी करते करते 2019 में किताब का प्रकाशन हो पाया. हालांकि वह समय कोरोना का था तो औपचारिक विमोचन करना संभव नहीं था, सो ऑनलाईन विमोचन किया गया. लेखक इंद्रजीत सिंह से साहित्यकार संजीव परसाई ने उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ को लेकर अनेक सवाल किए.
सभागार में उपस्थित दर्शक में से लेखक के लिए सवाल आया कि ‘ड्रीम गर्ल’ का पर्याय अभिनेत्री हेमा मालिनी रही हैं तब यह ‘ड्रीम गर्ल’ कौन है? इस सवाल के साथ रोचक सवाल जवाब का सिलसिला शुरू हो गया. लेखक ने दर्शकों की जिज्ञासा शांत करते हुए बताया कि उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ एक रोमांटिक उपन्यास है. आज हम सब उम्र के जिस दौर में हैं, उसके पीछे पलट कर देखते हैं तो पाते हैं कि हम सबने अपने कॉलेज के दिनों में किसी ना किसी को पसंद किया है. प्यार भरी नजरों से देखा है. कई मोहब्बत कामयाब हो जाती है तो ज्यादतर किताबों में रखे गुलाब की तरह किताबों में कैद रह जाती है. उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ एक ऐसी ही नाकामयाब प्रेम कहानी की दास्तान है.
संजीव परसाई ने लेखक से रचना कर्म से लेकर उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ के प्रकाशन तक की कहानी जाननी चाही तो लेखक ने कहा कि लिखना आसान था, वह मेरे हाथ में था लेकिन छपने की प्रक्रिया ने मुझे कई बार निराश किया. आखिरकार एमसीयू की एक साथी ने प्रकाशन की जिम्मेदारी सम्हाली और किताब मुकम्मल हो पायी. उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ में लेखक ने नवाचार के तहत गीतोंको शामिल किया है, इस सवाल के जवाब में लेखक इंद्रजीत सिंह ने कहा कि यह दुस्साहस था. अब तक ऐसा नहीं हुआ लेकिन पाठकों ने पसंद किया. मुंंबई की एक संस्था से उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है. यह मेरे लिए एक बड़ी बात थी. अपनी अन्य किताबों के बारे में लेखक ने विस्तार से बताया और कहा कि यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा. दर्शकों से सवाल आया कि उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ को लेकर आपकी जीवनसंगिनी के बीच कोई मतभेद तो नहीं हुआ क्योंकि लेखन अनुभव का आधार होता है? लेखक मुस्कराते हुए कहा कि हमने उन्हें सबकुछ बता दिया था और उन्हें आश्वस्त किया था कि कहानी खत्म हो गई है.
रीडर्स क्लब हिन्दी की किताबों को आगे बढ़ाने का मंच है. मोबाइल में डूबे समाज को कुछ घंटों के लिए सही, किताबों की दुनिया की ओर ले जाने का एक विनम्र प्रयास है. रीडर्स क्लब की ओर से लेखक का औपचारिक स्वागत किया गया. इसके पूर्व उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ का विमोचन भी हुआ. कार्यक्रम का संचालन संजीव परसाई ने एवं आभार प्रोफेसर मनोज कुमार ने व्यक्त किया.