सुविधा शुल्क के बिना नहीं पास हो रहे बिल, भ्रष्टाचार का अड्डा बनी शिवपुरी ट्रेजरी! राज्य कर्मचारी संघ ने लगाई कार्यवाही की गुहार

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शिवपुरी। शिवपुरी जिले की ट्रेजरी में इन दिनों भ्रष्टाचार का बोलबाला है। बिना सुविधा शुल्क दिए कोई भी बिल पास नहीं हो रहा है। यह गंभीर आरोप मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला संयोजक राजेन्द्र पिपलोदा ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में लगाए हैं। उन्होंने बताया कि ट्रेजरी का हाल इतना खराब है कि एक ही बिल को चार-चार बार आक्षेप लगाकर वापस किया जा रहा है।
संघ ने उदाहरण देते हुए बताया कि पोहरी विकासखंड के शिक्षक उमा चरण शिवहरे का कमोन्नति एरियर बिल तीन माह से पोहरी और शिवपुरी ट्रेजरी के बीच घूम रहा है। पहली बार 15 सितंबर को भेजा गया बिल आक्षेप लगाकर लौटाया गया। दूसरी बार 29 सितंबर को संशोधित बिल फिर से भेजा गया, लेकिन पुन: रिजेक्ट कर दिया गया। तीसरी बार 16 अक्टूबर को भेजे गए बिल को भी ट्रेजरी अधिकारियों ने यह कहते हुए लौटा दिया कि यहां टेबल से बिल उड़ जाते हैं, बिल दबाने के लिए कुछ चाहिए। चौथी बार 30 अक्टूबर को भेजा गया बिल भी 4 नवंबर को बिना स्पष्ट कारण बताए वापस कर दिया गया। राजेन्द्र पिपलोदा ने बताया कि कई अन्य शिक्षकों जैसे श्रीमती कुसुम सकवार और नीलम शिवहरे के एरियर बिल भी इसी तरह बार-बार लौटाए गए, जिनका भुगतान सात माह बाद किया गया। संघ ने आरोप लगाया कि ट्रेजरी अधिकारी आक्षेप लगाते हैं परंतु गलती नहीं बताते, जिससे सुधार संभव नहीं हो पाता। संघ ने कहा कि जिले के सैकड़ों बिल सुविधा शुल्क के अभाव में लंबित हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष हरभजन कौर, अरविंद सरैया, राजकुमार सरैया, अनुज गुप्ता, राजीव पुरोहित, इंद्रजीत धाकड़, अशोक वर्मा, अजय बाथम, अनिल खटीक, गजेन्द्र यादव, बृजेंद्र कुल्लू भार्गव और रितु श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से कलेक्टर रविन्द्र चौधरी से जांच की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि ट्रेजरी की जांच नहीं हुई तो 25 नवंबर 2025 के बाद ज्ञापन सौंपा जाएगा और मामला सांसद श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रभारी मंत्री के समक्ष उठाया जाएगा।