जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस के ड्राइवर ने खुलेआम वसूले 800 रुपए, वीडियो आया सामने

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बिना अनुमति एम्बुलेंस को दूसरे ब्लॉक में ले गया

शिवपुरी। स्वास्थ्य विभाग में जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस सेवा को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। करैरा ब्लॉक की एक प्रसूता को बिना अनुमति दूसरे ब्लॉक की एंबुलेंस से ले जाया गया और ड्राइवर ने खुलेआम 800 रुपए रिश्वत वसूल लिए। मामले का खुलासा तब हुआ जब परिजनों ने पैसे देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यह मामला सामने आने के बाद सीएमएचओ डॉ. संजय ऋषिश्वर ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
जानकारी के अनुसार करैरा ब्लॉक के ग्राम राजगढ़ निवासी शीला झा उम्र 22 वर्ष ने 10 मई को जिला अस्पताल में सीजर डिलीवरी से बच्ची को जन्म दिया था। उन्हें दोपहर 3 बजे छुट्टी दे दी गई, लेकिन प्रसूता और उसके परिजन रातभर अस्पताल परिसर में एम्बुलेंस का इंतजार करते रहे। 11 मई की सुबह जब कोई व्यवस्था नहीं हुई, तो अस्पताल परिसर में खड़ी जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस क्रमांक सीजी 04 एनआर 9465 के चालक से बात की गई। चालक ने एम्बुलेंस को शिवपुरी ब्लॉक की बताते हुए करैरा ब्लॉक के राजगढ़ ले जाने के बदले 800 रुपए मांगे। मजबूरी में परिजनों ने सौदा स्वीकार कर लिया और करीब 9:30 बजे एम्बुलेंस गांव पहुंची। वहां चालक ने खुलेआम 500 रुपए नकद और 300 रुपए ऑनलाइन फोन-पे से ले लिए। इसके बाद परिजनों ने पूरे लेनदेन का वीडियो वायरल कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस सेवा जिले के हर ब्लॉक में निर्धारित है। किसी भी प्रसूता को लाने-ले जाने की जिम्मेदारी उसी ब्लॉक की एम्बुलेंस की होती है। यदि किसी विशेष परिस्थिति में एम्बुलेंस को दूसरे ब्लॉक भेजना हो, तो इसके लिए जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी यानी सीएमएचओ से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। बिना अनुमति एम्बुलेंस दूसरे ब्लॉक नहीं जा सकती। इस पूरे मामले में सबसे गंभीर लापरवाही यह सामने आई कि जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस को एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक बिना सीएमएचओ की अनुमति भेजा गया। सिविल सर्जन भी इस बात से हैरान हैं कि ड्राइवर ने यह कदम किसके कहने पर उठाया।

सीएमएचओ ने दिए जांच के आदेश, टीम गठित
सीएमएचओ डॉ. संजय ऋषिश्वर ने बताया कि नियम अनुसार एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में एम्बुलेंस भेजने से पहले उनकी अनुमति अनिवार्य है, लेकिन इस मामले में कोई अनुमति नहीं ली गई। साथ ही ड्राइवर द्वारा अवैध रूप से पैसे वसूलने का वीडियो भी सामने आया है। उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं। विशेष टीम यह भी जांच रही है कि ड्राइवर ने यह कदम स्वयं उठाया या उसे किसी ने ऐसा करने को कहा। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस में ट्रैकिंग सिस्टम के लिए जीपीएस भी लगा रहता है। इस जीपीएस सिस्टम के जरिए भोपाल में बनाए गए कंट्रोल रूम से प्रदेश की हर एक जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस को ट्रैक किया जाता है। इस मामले में यह भी खास बात है कि एम्बुलेंस जिला मुख्यालय अपने ब्लॉक से करेरा ब्लॉक में नियम विरुद्ध पहुंच गई इसके बावजूद भोपाल का कंट्रोल रूम बिना कॉल के गांव पहुंची एम्बुलेंस को ट्रैक नहीं कर सकी।