प्रदेश में निवेश और औद्योगिक विकास से रोजगार और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा : मुख्यमंत्री डॉ.यादव

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Investment and industrial development in the state will boost employment and business: Chief Minister Dr. Yadav
Investment and industrial development in the state will boost employment and business: Chief Minister Dr. Yadav

Investment and industrial development in the state will boost employment and business: Chief Minister Dr. Yadav

मुख्यमंत्री ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लिये छिन्दवाड़ा में 4 जिलों के उद्यमियों के साथ की बैठक

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में निवेश और औद्योगिक विकास से रोजगार और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिये मध्यप्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव कराई जा रही है। उन्होंने प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिये 20 जुलाई को जबलपुर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को सफल बनाने के लिये मंगलवार को छिन्दवाड़ा जिले के अमरवाड़ा में हुई उद्योग संघों व उद्योगपतियों की बैठक में यह विचार व्यक्त किये।

भोपाल ! मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्थानीय उद्यमियों के साथ बाहर के उद्यमियों को जोड़कर प्रदेश के सभी अंचल में सरकार समान रूप से विकास करना चाहती है, जिसमें कृषि, रोजगार, व्यापार, पर्यटन आदि की दिशा में एक नये उपलब्धि को हासिल किया जा सके। इसमें कई सारी कठिनाईया आती है लेकिन सकारात्मक सोच से आगे बढ़कर उनका निराकरण करें। छोटे-बड़े, मझौले सभी उद्यमी सरकार के साथ कदम-कदम से मिलाकर चलेंगे तो विकास की एक नई धारा प्रवाहित होगी। अभी तक इंदौर में इंडस्ट्री सम्मिट होती थी लेकिन अब यह प्रदेश के अन्य भागों में भी होगी और वहां की औद्योगिक कठिनाईयों को दूर किया जायेगा। उन्होंने उद्योग संघों व उद्योगपतियों से कहा कि वे निवेश को प्रोत्साहित करें। इसके लिये उन्हें औद्योगिक नीति अनुसार सुविधा प्रदान की जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आगामी 5 साल में प्रदेश की जीडीपी को डबल करने के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुये निवेश को प्रोत्साहित करना है।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार जो बेहतर हो सकता है उस दिशा में निवेश में अनुकूलता लाना है। औद्योगिक विकास के लिये प्रदेश में पर्याप्त लैंड बैंक है। बैठक में उन्होंने औद्योगिक निवेश में रोजगारमूलक गतिविधि और स्थानीय उत्पादों के प्र-संस्करण पर जोर दिया गया। उन्होंने उद्योगों के स्थापना में सब्सिडी का जिक्र करते हुये बॉयर- सेलर के बीच की कठिनाईयों को दूर कर उद्योग और व्यापार की दिशा में आगे बढ़ने को कहा। इन सब बातों में उन्होंने स्थानीयता को विशेष महत्व देते हुये कहा कि स्थानीय स्तर पर कच्चे-माल को उपयोगी बनाये और रोजगार पाने वालों की संख्या बढ़ायें।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने सभी जिला कलेक्टरों से उद्योग और व्यापार संघों की कठिनाईयों को समझने तथा उसे दूर करने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये कहा ताकि लघु उद्योगों को प्रोत्साहन मिले और उनकी बेहतरी के लिये सुझाव भी हो। उन्होंने दुग्ध उद्योग को बढ़ावा देने के लिये हो रहे प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने जिले एवं संभाग में उद्योगों की संभावनाओं की दिशा में कारगर कार्य करने को निर्देशित किया।

सांसद श्री वी.डी.शर्मा ने कहा कि विकास आपके लिये और आपके द्वारा हो, इसलिये 20 जुलाई की तैयारियों को लेकर आज उद्योगपतियों की बैठक आयोजित की गई है। प्रदेश के विकास में छोटे-छोटे उद्यमियों के विजन का भी सम्मान करें। उन्होंने औद्योगिक समस्याओं के निराकरण के लिये सिंगल विंडों सिस्टम अपनाने को कहा। क्षेत्रीय विकास के लिये जिले की संभावनाओं को पहचानने और उस दिशा में आगे बढ़ने के साथ नौजवानों को औद्योगिक गतिविधियों में भाग लेने के लिये प्रेरित करने पर जोर दिया।

उद्योग संघों की बैठक में छिन्दवाड़ा के उद्यमियों ने जहॉ प्रत्यक्ष रूप से बैठक में सहभागिता की। वहीं सिवनी, बालाघाट, पांढुर्णा के उद्योगपति वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए। विभिन्न उद्योगपतियों ने विकास के लिये अपने-अपने विचार व्यक्त किये। छिन्दवाड़ा के राकेश जुनेजा, बोरगांव के उद्योगपति श्री रीतेश जैन, श्री सुमेरसिंह, श्री अजय सक्सेना ने विभिन्न सुझाव दिये। पांढुर्णा से उद्यमी श्री आर.एन.द्रविड, उद्योगपति श्री सुभाष बुधराजा, श्री जितेन्द्र पटेल ने औद्योगिक नीतियों को और अधिक फ्रेंडली बनाने संबंधी विचार व्यक्त किये।बालाघाट के उद्योगपति श्री अतुल, श्री हर्ष व्दिवेदी, श्री प्रत्यूष नेमा, श्री अभिषेक जेठानी ने फूड प्रोसेसिंग और योगेन्द्र पाठक ने मेगनीज यूनिट स्थापित करने की दिशा में अपने विचार व्यक्त किये।

प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन ने औद्योगिक क्षेत्रों में पानी की समस्या के निदान के साथ औद्योगिक नीति की जानकारी देते हुये कहा कि आईटी क्षेत्र को प्रोत्साहन करने के लिये विशेष कार्ययोजना है।