कलेक्टर ने किया पॉलीहाउस गुलाब खेती का निरीक्षण, युवाओं के नवाचार को सराहा

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गुना जिले को गुलाबों का शहर के रूप में प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए कलेक्टर किशोर कन्याल ने आज हनुमान टेकरी के पास शुभम चौहान द्वारा संचालित पॉलीहाउस का भ्रमण किया और वहां की उच्च गुणवत्ता युक्त गुलाब खेती का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उपसंचालक उद्यानिकी के.पी.एस. किरार, एसडीएम गुना शिवानी पांडे, तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा सहित उद्यानिकी विभाग की टीम उपस्थित रही।

शुभम चौहान जैसे कई उच्च शिक्षित युवा, जिन्होंने इंजीनियरिंग, एमबीए एवं कृषि स्नातकोत्तर जैसी डिग्रियाँ प्राप्त की हैं, अब पारंपरिक खेती को छोड़कर संरक्षित पॉलीहाउस खेती को अपना रहे हैं और 5 से 7 गुना अधिक शुद्ध आय अर्जित कर रहे हैं। चौहान ने बताया कि वे प्रतिवर्ष आधा एकड़ पॉलीहाउस से 6 से 7 लाख रुपये तक की शुद्ध आय प्राप्त कर लेते हैं।

कलेक्टर कन्याल ने भ्रमण के दौरान गुलाब की खेती में अपनाई जा रही नवीन तकनीकों, युवाओं के समर्पण एवं वैज्ञानिक तरीकों से हो रही उच्च गुणवत्ता वाली उत्पादन प्रणाली की सराहना करते हुए कहा, “गुना का गुलाब अब केवल सजावट या खुशबू तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह समृद्धि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का माध्यम बनता जा रहा है। गुना के युवाओं ने जिस प्रकार आधुनिक तकनीक, और नवाचार को खेती के साथ जोड़कर इसे एक लाभकारी व्यवसाय में बदला है, वह उद्यमी युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकता है। हमारी मंशा है कि वर्तमान में 20 एकड़ में हो रही गुलाब की खेती को आगामी एक वर्ष में 50 एकड़ तक विस्तारित किया जाए और अगले 5 वर्षों में इसे 500 एकड़ के लक्ष्य तक पहुँचाया जाए। इससे न केवल किसानों की आमदनी में कई गुना वृद्धि होगी, बल्कि जिले को गुलाबों का शहर के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिलेगी।”

उपसंचालक उद्यानिकी के.पी.एस. किरार ने बताया कि कलेक्टर कन्‍याल के मार्गदर्शन में उद्यानिकी विभाग इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु दृढ़ संकल्पित है। केपीएस किरार ने यह भी बताया कि पॉलीहाउस के भीतर संरक्षित खेती में तापमान नियंत्रित रहता है,गुलाबों पर कीट एवं रोगों एवं विपरीत वातावरण का प्रभाव कम होता है। ड्रिप सिंचाई के माध्यम से जल में घुलनशील उर्वरकों (फर्टिगेशन) का समुचित प्रयोग किया जाता है। साथ ही, पॉलीहाउस में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिक मात्रा होने के कारण पौधों की बढ़वार एवं गुणवत्ता भी बेहतर होती है।

गुना जिले कि किसानों की इस दिशा में की जा रही पहल आगामी वर्षों में जिले की एक नई पहचान स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी