शस्त्र लाईसेंसों की होगी समीक्षा, आपराधिक प्रवृति वाले व्यक्तियों के लाईसेंस होगे निरस्त

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7 दिन में मांगी गई लाईसेंस धारियों की जानकारी
श्योपुर। कलेक्टर अर्पित वर्मा द्वारा पुलिस अधीक्षक के माध्यम से प्रत्येक थाना क्षेत्र से ऐसे सभी लोगों की जानकारी मांगी गई है, जिन्हें शस्त्र लाईसेंस जारी किये गये है। इस जानकारी के आधार पर समीक्षा के बाद आपराधिक प्रवृति के व्यक्तियों के शस्त्र लाईसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।
जिले में विधि एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने तथा लोक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह आवश्यक है कि ऐसे व्यक्तियों की समीक्षा की जाए जिनके विरुद्ध गंभीर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हैं अथवा जिनकी प्रवृत्ति आपराधिक प्रकृति की है, किन्तु वे वर्तमान में शस्त्र अनुज्ञप्ति धारक हैं। आयुध नियम 2016 के तहत यह भी यह अपेक्षित है कि शस्त्र अनुज्ञप्ति केवल उन व्यक्तियों को जारी की जाए जो सुचरित्र हो और जिनसे सार्वजनिक सुरक्षा को कोई खतरा न हो।
पुलिस अधीक्षक को भेजे गये पत्र में जिले के समस्त थाना प्रभारियों को जानकारी संकलित कर प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिये गये है, जिसमें ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जाए जो शस्त्र अनुज्ञप्तिधारी हैं तथा जिनके विरुद्ध हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, बलवा, अवैध हथियार, नशीले पदार्थों की तस्करी, महिलाओं के विरुद्ध अपराध, सामाजिक वैमनस्य फैलाने अथवा अन्य किसी गंभीर आपराधिक प्रकरण के संबंध में अभियोग दर्ज हैं।
ऐसे व्यक्तियों का पृथक-पृथक प्रतिवेदन तैयार करने के निर्देश देते हुए सात दिवस में जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। प्रतिवेदन में अनुज्ञप्तिधारी का पूरा नाम, पिता का नाम, पता एवं थाना क्षेत्र, अनुज्ञप्ति क्रमांक, जारी करने की तिथि, अनुज्ञप्ति की वैधता अवधि, तथा धारित शस्त्र का प्रकार एवं क्रमांक (राइफल, गन, पिस्टल आदि)। संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरणों का विवरण अपराध क्रमांक, अपराध की धारा, पंजीकरण की तिथि, थाना आदि, यदि शस्त्र का दुरुपयोग किया गया है अथवा शस्त्र धारक के विरुद्ध शस्त्र से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त हुई है, तो उसका पृथक से विवरण देना होगा। यह उल्लेख कि उक्त व्यक्ति का आचरण सामाजिक रूप से हिंसात्मक या भय उत्पन्न करने वाला है या नहीं। सभी प्रतिवेदनों में अपराध विवरण की सत्यापित प्रतिलिपि संलग्न की जाए। उक्त व्यक्ति का शस्त्र अनुज्ञप्ति धारित करना लोक शांति एवं कानून-व्यवस्था के लिए कितना उपयुक्त या अनुपयुक्त है और शस्त्र अनुज्ञप्ति निरस्त किये जाने के संबंध में स्पष्ट अभिमत भी चाहा गया है।