भोपाल। लाड़ली लक्ष्मी योजना से लेकर कोई भी योजना बंद नहीं होगी। सभी योजनाओं के लिए सरकार के पास पर्याप्त धनराशि है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन में कही।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि दुनिया की 7 पवित्रतम नगरी में से एक नगरी अवन्तिका है, हमारा सौभाग्य है कि ऐसी नगरी के हम निवासी हैं। मैं वहाँ से आता हूं जिसका कभी अंत नहीं हुआ, ऐसी अवन्तिका नगरी के मील मजदूर परिवार के बालक को भारतीय जनता पार्टी ने मौका दिया।भारतीय जनता पार्टी ने एक गरीब परिवार के बच्चे को लाकर के मुख्यमंत्री के पद तक पहुँचाया। मुख्यमंत्री ने कहा किमैं अपने राष्ट्रीय नेतृत्व एवं वरिष्ठ नेताओं का आभार मानता हूं। हमारे लोकतंत्र की ये खूबसूरती है।उन्होंने कहा कि न केवल मैं बल्कि वर्तमान लोकतंत्र गौरवान्वित होगा जिसमें एक चाय बेचने वाले को देश का प्रधानमंत्री बनाते हैं और एक मील मजदूर परिवार के बेटे को मुख्यमंत्री बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास इसका भाव है, ये सर्वथा इस मामले में केवल एक धनी परिवार वो भी जिसके कपड़े भी प्रेस करने के लिए लंदन जाते हैं। उस परिवार के लोग गरीबों की क्या बात करेंगे, क्या समझेंगे? मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अहंकार के धनी नहीं हैं हम उस विनम्रता के सेवक हैं,जिसके माध्यम से भविष्य की नई इमारत खड़ी करने के लिए निकले और हम उन सबका सहयोग लें मुझे इस बात की प्रसन्नता है।
मध्यप्रदेश में भगवान श्री कृष्ण के जहां-जहां पांव पड़े, लीलाएं रचीं, उन सभी स्थानों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा: CM@DrMohanYadav51 pic.twitter.com/fzkQ6KXHY2
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) December 21, 2023
भारतीय जनता पार्टी का संकल्प पत्र ग्रंथ की तरह: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का संकल्प पत्र ग्रंथ की तरह है, ये गीता, रामायण की तरह है। एक एक अक्षरशः 5 साल के एजेंडे को लेकर हम आये हैं।ये एक महीने की सरकार के लिए नहीं है, न ही 13 महीने की सरकार के लिए। हम और आप 5 साल बाद बात करेंगे कि आप और हमने जो निर्णय किये थे। अपने संकल्प पत्र को लेकर आगे बढ़े थे तो हम किस रूप में आगे बढ़े?*
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार होती है मूलभूत सुविधाओं के लिए, हम उस पर भी काम कर रहे हैं लेकिन अपने प्रदेश का मान, देश का मान और भारतीय सनातन संस्कृति का मान दुनिया में बढ़े। इसके लिए भी काम करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पाठ्यक्रम से विक्रमादित्य का हिस्सा गायब कर दिया गया।
विक्रमादित्य का न्याय, विक्रमादित्य की वीरता, विक्रमादित्य की दानशीलता, उनके पराक्रम उनके पौरुष, कोई कल्पना कर सकता है कि एक व्यक्ति में कितने गुण हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर 1837 में लॉर्ड मैकाले ने जो गलती की, कांग्रेस ने उसे दुरुस्त करने का काम नहीं किया। एक आदमी एक डिग्री ले सकता है, 2 डिग्री ले सकता है,कोई बंधन नहीं है। नई शिक्षा नीति के तीसरे वर्ष में हमने प्रवेश किया। कागज के बजाय जो डिग्री मिले उस से जीवन में सार्थकता आए।रजिस्ट्री करने के बाद पटवारी के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।1 जनवरी से ऐसी व्यवस्था की गई है। अव्यवस्था को हमने खत्म किया है।