लाल मुरम का लाल खेल, आखिर माफियाओं को किसका संरक्षण ? विभाग की मिली भगत या राजनैतिक संरक्षण

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शिवपुरी। पोहरी में सक्रिय माफियाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम प्रशासन हमेशा सुर्खियां बटोरता रहता है। और कभी कभा दिखावे की कार्यवाही कर खुद अपनी पीठ थपथपा लेता है। और उच्च अधिकारियों को दिखाने के लिए मीडिया का सहारा ले लेता है पर मीडिया द्वारा जब किसी गैर कानूनी कार्य की सूचना दी जाती है तो रटी एक ही बात कही जाती है कि जानकारी मिली है दिखवा लेते है, रही बात अधिकारियों की तो तहसीलदार सहित पटवारी अपने मुख्यालय से दूरी बनाकर रहते है।
हम बात कर रहे हैं शिवपुरी जिले की पोहरी अनुभाग के अंतर्गत आने वाली पोहरी तहसील और वन परिक्षेत्र की जहां पोहरी से लगे केदारेश्वर रोड़ पर अवैध उत्खनन लगातार जारी है बता दें कि पोहरी में पदस्त तहसीलदार निशा भारद्वाज अपने मुख्यालय पर निवास नहीं करतीं है और मजे की बात ये है कि किसी भी मामले में तहसीलदार को कॉल किया जाता है तो रटी हुई एक ही लाइन कही जाती है कि आपके द्वारा जानकारी मिली है दिखवा लेते है। पोहरी क्षेत्र में लगातार चल रहे अवैध उत्खनन अंकुश लगाने में नाकाम राजस्व विभाग को लगातार सूचनाएं प्रदान की जा रही है। पर जब भी जेसीबी द्वारा अवैध उत्खनन किया जाता है और उसकी मौके से सूचना मीडिया कर्मियों द्वारा तहसीलदार पोहरी को देने की कोशिश की जाती है तो फोन अटेंड नहीं किए जाते। आखिर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का इस तरह का रवैया किस ओर इशारा करता है।
इनका कहना है
मेरी जानकारी में नही है में दिखवा लेती हूं।
निशा भारद्वाज, तहसीदार पोहरी
आपने जिस जगह के बारे में बताया है उक्त जमीन को दिखवा लेते है अवैध तरीके से उत्खनन करना अपराध की क्षेणी में आता है
अनुपम शर्मा, एसडीएम पोहरी