कलश यात्रा के साथ श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ

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अटेर विधानसभा के ग्राम गोहदूपुरा में सात दिवस होगी श्रीमदभागवत कथा

भिण्ड। भव्य एवं पारंपरिक वेश में सोमवार से अटेर विधानसभा अंतर्गत ग्राम गोहदूपुरा में श्रीमद् भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। सौरिख जिला कन्नौज उत्तर प्रदेश के स्वामी मुकेशानंद जी महाराज कथा व्यास के नेतृत्व में पारीक्षत श्रीमती वंदना – दीपेंद्र बरुआ ने पोथी अपने सिर पर रखकर कथा आयोजन स्थल से कलशों में पवित्र जल भरने के साथ शुरू हुई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल रहीं और गोहदूपुरा और हुलापुरा गाँव के विभिन्न मंदिरों पर परिक्रमा करते हुए पवित्र जलस्त्रोत से कलश को भर कर लाने के बाद कथा आयोजन स्थल पर धार्मिक विधि एवं मंत्रोच्चरण के साथ स्थापित किया गया। आरती के साथ शुरू किए गए श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास स्वामी मुकेशानंद महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम इसकी महिमा से अवगत कराया।

उन्होंने बताया कि विश्व में सभी कथाओं में श्रीमद भागवत कथा श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन होता है, वो तीर्थ स्थल कहलाता है। इसका श्रवण करने एवं आयोजन कराने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियों को ही मिलता है। ऐसे में अगर कोई दूसरा अन्य भी इसे गलती से भी श्रवण कर लेता है, तो भी वो कई पापों से मुक्ति पा लेता है। इसलिए सात दिन तक चलने वाली इस पवित्र कथा को श्रवण करके अपने जीवन को सुधारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। अगर कोई सात दिवस तक किसी व्यस्तता के कारण नहीं सुन सकता है, तो वह दो तीन या चार दिन ही इसे सुनने के लिए अपना समय अवश्य निकालें। तब भी वो इसका फल प्राप्त करता है, क्योंकि ये कथा भगवान श्री कृष्ण के मुख की वाणी है, जिसमें उनके अवतार से लेकर कंस वध का प्रसंग का उल्लेख होने के साथ साथ इसकी व्यक्ति के जीवन में महत्ता के बारे में भी बताया गया है। इसके सुनने के प्रभाव से मनुष्य बुराई त्याग कर धर्म के रास्ते पर चलने के साथ साथ मोक्ष को प्राप्त करता है। शास्त्री ने बताया कि इस कथा को सबसे पहले अभिमन्यु के बेटे राजा परीक्षित ने सुना था, जिसके प्रभाव से उसके अंदर तक्षक नामक नाग के काटने से होने वाली मृत्यु का भय दूर हुआ और उसने मोक्ष को प्राप्त किया था।