कथा पंडाल में उमड़ा भक्तों का सैलाब
शिवपुरी। शिवपुरी की पावन भूमि पर गुरुवार से आरंभ हुई श्रीमद् भागवत कथा में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का ओजस्वी और भक्तिभाव से ओतप्रोत संदेश गूंज उठा। कथा स्थल पर उपस्थित हजारों भक्तों ने जय-जयकार के बीच शास्त्री जी के उद्गार सुने, जो श्रद्धा, सनातन चेतना और सामाजिक संदेशों से भरे हुए थे।
कथा से पूर्व चाय पर चर्चा कार्यक्रम में शास्त्री जी ने स्पष्ट कहा कि ना पार्टी बनाना है, ना राजनीति में जाना है। हमारी पदयात्रा केवल हिंदू और सनातन एकता के लिए है। गजवा-ए-हिंद नहीं होने देंगे, हमें भगवा हिंद बनाना है। उनके इन शब्दों पर पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। शास्त्री जी ने पाठ्यक्रम में गीता, भागवत और रामायण को जोडऩे की वकालत करते हुए कहा कि यह ग्रंथ युवाओं को सही दिशा देते हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म वसुधैव कुटुंबकम् सिखाता है, तोडऩे वाले नहीं, जोडऩे वाले ग्रंथ पढ़ाए जाएं। धर्मसभा में शास्त्री जी ने समाजिक मुद्दों पर भी मुखर होते हुए कहा कि बच्चों को कट्टरता नहीं, अब्दुल कलाम जैसा महान बनाएं। उन्होंने युवाओं को देशहित, चरित्र और नारी सम्मान की सीख देते हुए कहा कि सनातन में माता सर्वोपरि है, इसलिए हम सीताराम कहते हैं, राम-सीता नहीं। हिंदुओं की जनसंख्या पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि चच्चे के 30 बच्चे हो सकते हैं तो हिंदुओं के चार क्यों नहीं? आगे कहा कि दो बच्चे अपने पास रखें, एक देश सेवा को भेजें और एक संतों को दें, जो हिंदू राष्ट्र के लिए काम करेगा। सोशल मीडिया पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए इसे सोशल जिहाद बताया और अभिभावकों से बच्चों को इसके दुष्प्रभावों से बचाने की अपील की।































