ग्वालियर जिले में कानून व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव डालने वाले सभी प्रकार के कृत्य प्रतिबंधित

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जिला दण्डाधिकारी द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

गत 10 अक्टूबर को जारी प्रतिबंधात्मक आदेश भी रहेगा यथावत

ग्वालियर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर की युगल पीठ द्वारा एक याचिका (डब्ल्यूपी क्रमांक/44524/2025) में पारित आदेश का पालन कराने के लिये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रुचिका चौहान द्वारा प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया विशेषकर ग्वालियर की स्थानीय मीडिया के लिये आदेश जारी किया गया है। गत 12 नवम्बर 2025 को जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी किए गए इस आदेश में मीडिया के लिये स्पष्ट किया गया है कि 16 नवम्बर को किए गए आह्वान एवं उससे जुड़े संबंधित विषयों पर अगली सुनवाई तक कोई भी समाचार प्रकाशित व प्रसारित न करें।
जिला दण्डाधिकारी रुचिका चौहान ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा-163 के तहत गत 10 अक्टूबर को जारी किए गए प्रतिबंधात्मक आदेश को यथावत रखते हुए आज (गुरुवार 13 नवम्बर 2025) को एक नया प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। बीएनएसएस के तहत 10 अक्टूबर को जारी आदेश में इस आदेश के माध्यम से यह जोड़ा है कि किसी भी व्यक्ति अथवा समूह के ऐसे कृत्य जो कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं, वे पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है एवं आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता की धारा-223 के तहत दण्डनीय होगा।
जिला दण्डाधिकारी श्रीमती चौहान ने नया प्रतिबंधात्मक आदेश जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने एवं लोकहित को ध्यान में रखकर जारी किया गया है। उन्होंने आदेश में जिक्र किया है कि जिले में विभिन्न व्यक्तियों व संगठनों द्वारा बीते दिनों बिना किसी सक्षम अनुमति के धरना एवं प्रदर्शन करने का प्रयास किया गया है। साथ ही वर्तमान में भी ऐसे विरोध प्रदर्शन के आह्वान की जानकारी विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई है। इससे लोक शांति एवं कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। इन सब बातों को ध्यान में रखकर जिला दण्डाधिकारी ने आज नया प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
ज्ञात हो गत 10 अक्टूबर को जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी किए गए प्रतिबंधात्मक आदेश के जरिए ग्वालियर जिले की सीमा के भीतर किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बगैर अनुमति के प्रदर्शन, धरना, रैली, जुलूस, चल समारोह इत्यादि को प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसी आदेश के जरिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मसलन फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम व एक्स इत्यादि पर भी भड़काऊ, भ्रामक व सामाजिक समरसता को बिगाड़ने वाली पोस्ट अपलोड करना व फारवर्ड करना भी प्रतिबंधित किया गया था। साथ ही किसी भी प्रकार के ऐसे कटआउट, बैनर, पोस्टर, फ्लैस, होर्डिंग्स, झंडे व लेखन आदि करने पर भी इस आदेश के जरिए प्रतिबंध लगाया गया है, जिनमें किसी धर्म, व्यक्ति, संप्रदाय, जाति या समुदाय के खिलाफ नारे अथवा अन्य भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया हो।