सड़क पर सामान रख कर लेते हैं अतिक्रमण, यातायात होता बाधित –
गिरिराज पाण्डेय (राज)
भिण्ड। दुकानदारों की मनमानी के चलते शहर में आये दिन जाम की स्थिती बनी रहती है, दुकानदार सड़क पर सामान रखकर अतिक्रमण कर लेते हैं और ग्राहक भी सड़क पर अपने वाहन लगाकर खरीददारी करने लगते हैं जिससे सड़क संकरी हो जाती है और जाम की स्थिती बन जाती है। लेकिन प्रशासन का इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है, इतना ही नहीं दुकानदारों ने तो गैलरी पर भी शटर लगाकर स्थाई कब्जा कर लिया है आखिर कब जागेगा प्रशासन और कब खाली करवायेगा दुकानदारों का अवैध रूप से किया गया कब्जा? हम बात कर रहे हैं शहर के पुस्तक बाजार स्थित जैन मंदिर के सामने बनी सबसे पुरानी अम्बेडकर मार्केट की जहाँ लगभग एक सैकड़ा से अधिक दुकानें हैं, उक्त मार्केट में दुकानों के आगे करीब आठ फुट की गैलरी भी बनी हुई जो कि दुकानों पर खरीददारी करने वाले ग्राहकों को खड़े होने के लिए बनाई गई थी ताकि सड़क पर जाम की स्थिती न बने और ग्राहक आराम से खड़े हो सकें। एक समय था जब अम्बेडकर मार्केट की गैलरी पूरी खुली हुई थी लेकिन आज दुकानदारों ने शटर लगाकर स्थाई कब्जा कर रखा है।

गैलरी पर स्थाई कब्जा कर सड़क पर सामान रख दुकानदारों ने किया अतिक्रमण –
रात 08 बजे से सुबह 10 बजे के बीच यहां जाएं तो चौड़ी सड़क साफ नजर आती है। सुबह 10 बजे के बाद स्थिति बिल्कुल उलट हो जाती है। कारण दुकान के काउंटर गैलरी तक लगे होते हैं और दुकान का सामान करीब 3 से 4 फिट गैलरी के बाहर सड़क पर आ जाता है। यानी जो दुकान शटर के अंदर तक संचालित होना चाहिए, उसका सामान सड़क किनारे रखकर व्यापार किया जाता है। उस पर भी सड़क पर बेतरतीब ढंग से वाहन पार्किंग होने लगती है। वाहनों से आवाजाही भी जारी रहती है। इसी में खड़े होकर ग्राहक खरीदारी करते हैं। भीड़ बढ़ने पर तो ग्राहकों को खरीदारी करने और एक दुकान से दूसरी दुकान जाने में जद्दोजहद करना पड़ती है।
बाबूराम घी वालों का अलग ही जलवा बीच सड़क तक किया अतिक्रमण –
अम्बेडकर मार्केट में यूँ तो किराना, सराफा, जनरल स्टोर, कपड़ा से लेकर अमूमन सभी तरह की दुकानें हैं और लगभग सभी ने स्थाई कब्जा कर सड़क पर भी अतिक्रमण किया हुआ है लेकिन बाबूराम घी वालों की तो बात ही अलग है बाबूराम घी वाले के नाम से करीब 3 से 4 दुकानें देखने को मिलती हैं और सभी के काउंटर सड़क पर जमे हुए रहते हैं। बाबूराम घी वालों का अलग ही जलवा इसलिए लिखा क्योंकि जहाँ अन्य दुकानदार दो से चार फिट सड़क घेरे रहते हैं वहीं बाबूराम घी वाले अपने काउंटर करीब 8 से 10 फिट सड़क पर लगाते हैं। एक तो दुकान के बाहर गैलरी पर स्थाई कब्जा पहले से ही है लेकिन इतने में उनका गुजारा नहीं हो पाता तो सड़क पर अपनी दुकान जमा लेते हैं।

ग्राहक बोले- गैलरी ग्राहकों के लिए हो तो खरीदारी होगी आसान-
नगर पालिका मार्केट में खरीददारी के लिए आये ग्राहकों से जब हमारे संवाददाता ने बात की तो ग्राहकों का कहना था कि सड़क पर व्यापारी अपना सामान तक रखे रहते हैं। विशेषकर तीज त्योहार पर तो निकलना भी मुश्किल हो जाता है, महिला ग्राहकों ने बताया कि यहां पर महिलाओं से जुड़ा सारा सामान भी जाता है। सौंदर्य प्रसाधन के साथ ही कपड़ों की दुकानें भी हैं। यहां परेशानियां तो होती है लेकिन मजबूरी भी है इसीलिए यहां आना पड़ता है। यदि गैलरी ग्राहकों लिए खोल दी जाती है तो न सिर्फ आवागमन आसान होगा, बल्कि खरीदारी करना भी आसान होगा।
अब सबाल यह उठता है कि पुस्तक बाजार में बनी सबसे पुरानी मार्केट पर बर्षों से दुकानदारों द्वारा गैलरी में किये गये स्थाई कब्जे से नगर पालिका प्रशासन आखिर अंजान कैसे है? आते जाते सड़क पर जमी दुकानें भी नजरों से कैसे बच जाती हैं? इसे नगर पालिका की अनदेखी कहें या मर्जी? ऐसा भी नहीं नगर पालिका के अधिकारियों के संज्ञान में भी न हो, दरअसल एक बर्ष पूर्व ही यह मामला समाचार पत्र में प्रकाशित कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी के संज्ञान में लाया जा चुका है। उस वक्त उनका कहना था कि इस मामले को परिषद की बैठक में रखा है, जिन दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है उन्हें नोटिस दिया जायेगा यदि फिर भी कब्जा नहीं हटाया गया तो उनसे डबल किराया वसूला जायेगा और जो वैद्यानिक कार्यवाही बनेगी की जायेगी। अब सबाल उठता है एक बर्ष से उपर हो जाने के बाद भी कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया?
































