भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आदिवासी योद्धा के मामले में बड़ा बयान दिया है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि भीमा नायक एक आदिवासी योद्धा जो बड़वानी जिले से थे जिन्होंने कभी अंग्रेजों से माफी नहीं माँगी,जिन्हें काली पानी की सजा हुई अंततः उन्हें पोर्ट ब्लेयर जेल में आज ही के दिन फाँसी दे दी गई…
उन्होंने कहा कि आजादी के 76 साल बाद भी आजतक इंदौर महानगर में किसी चौक चौराहे संस्थान का नाम उनपर नहीं रखा गया जबकि सावरकर के नाम पर इंदौर में नारायनकोठी चौराहे का नाम है।
एक आदिवासी योद्धा जो बड़वानी जिले से थे जिन्होंने कभी अंग्रेजों से माफी नहीं माँगी,जिन्हें काली पानी की सजा हुई अंततः उन्हें पोर्ट ब्लेयर जेल में आज ही के दिन फाँसी दे दी गई…
आजादी के 76 साल बाद भी आजतक इंदौर महानगर में किसी चौक चौराहे संस्थान का नाम उनपर नहीं रखा गया जबकि…— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 29, 2023
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया x पर लिखा कि उनकी मूर्ति भी आरएसएस द्ववारा लगवाई गई है जबकि उन्होंने अंग्रेजो से माफी मांगी,आजीवन पेंशन पर जिये,मालवा-निमाड़ के स्वातंत्र्य समर में सावरकर का कोई योगदान नही थे तब भी वह इंदौर के चौराहे पर काबिज है जबकि भीमा नायक को आजतक स्थान नही मिला। जय सेवा जय जोहार।