सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी,आजीवन पेंशन पर जिये, स्वातंत्र्य समर में कोई योगदान नहीं, फिर भी इंदौर के चौराहे पर काबिज, जबकि भीमा नायक को आजतक स्थान नहीं मिला। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का बड़ा आरोप

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भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आदिवासी योद्धा के मामले में बड़ा बयान दिया है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि भीमा नायक एक आदिवासी योद्धा जो बड़वानी जिले से थे जिन्होंने कभी अंग्रेजों से माफी नहीं माँगी,जिन्हें काली पानी की सजा हुई अंततः उन्हें पोर्ट ब्लेयर जेल में आज ही के दिन फाँसी दे दी गई…
उन्होंने कहा कि आजादी के 76 साल बाद भी आजतक इंदौर महानगर में किसी चौक चौराहे संस्थान का नाम उनपर नहीं रखा गया जबकि सावरकर के नाम पर इंदौर में नारायनकोठी चौराहे का नाम है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया x पर लिखा कि उनकी मूर्ति भी आरएसएस द्ववारा लगवाई गई है जबकि उन्होंने अंग्रेजो से माफी मांगी,आजीवन पेंशन पर जिये,मालवा-निमाड़ के स्वातंत्र्य समर में सावरकर का कोई योगदान नही थे तब भी वह इंदौर के चौराहे पर काबिज है जबकि भीमा नायक को आजतक स्थान नही मिला। जय सेवा जय जोहार।