भोपाल। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की एक बात आज तक समझ में नहीं आई। वो जब अपनों पर चोट होती है, तो दर्द से तिलमिला जाते हैं। लेकिन हमास के आतंकियों ने जब इजराइल पर बर्बर हमला किया, तो इनके मुंह से एक शब्द नहीं निकला। जब इजराइल ने जवाब देना शुरू किया, गाजा पट्टी को तहस-नहस करना शुरू किया, तो दिग्विजय सिंह की नींद उड़ गई। कांग्रेस के लोग शोर मचाने लगे हैं। कोई फिलिस्तीनियों की जानमाल की चिंता कर रहा है, तो किसी को मानव अधिकार दिखाई दे रहे हैं। दिग्विजय सिंह कह रहे हैं कि पीएफआई के खिलाफ 97 परसेंट केस झूठे हैं। जो मामला न्यायालय के विचाराधीन हो, उसमें दिग्विजय सिंह कैसे किसी को क्लीन चिट दे सकते हैं? पीएफआई और हमास तो बहाना है, कांग्रेस का असली काम तो आतंकियों को बचाना है। ये लोग आतंकियों से प्रेम करते हैं, तुष्टिकरण से प्रेम करते हैं और इनका असली गेम यही है। कुख्यात आतंकी संगठन हमास से सहानुभूति रखने वाले ये लोग देश का साथ क्यों देंगे? यह बात प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को प्रदेश मीडिया सेंटर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
*कांग्रेस बताए, क्या वो दिग्विजय सिंह के बयानों से सहमत है?*
गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या कांग्रेस पार्टी दिग्विजयसिंह के बयान से सहमत है? सोनिया गांधी से मेरा सवाल है कि ऐसे भारत विरोधी लोग आपकी पार्टी में क्यों हैं? राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि मि. बंटाढार जैसे लोग उनकी मोहब्बत की दुकान के मैनेजर क्यों हैं? प्रियंका जी कल मध्यप्रदेश आकर झूठ बोल रही थीं, उन्होंने भी इस मुद्दे पर मौन साध रखा है। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह तो बड़े भाई-छोटे भाई हैं, फिर कमलनाथ जी क्यों खामोश हैं? उन्हें भी यह बताना चाहिए कि क्या वे दिग्विजय सिंह के बयान से इत्तफाक रखते हैं ? मैं कमलनाथ जी से कहना चाहता हूं कि इस तरह की चालबाजी चलेगी नहीं, जनता सब देख रही है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी देश की एकता और अखंडता पर विश्वास रखती है, तो उसे दिग्विजय सिंह के बयान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करना चाहिए।
*सनातन पर हमला करने वालों मे सबसे आगे रहते हैं दिग्विजय सिंह*
डॉ. मिश्रा ने कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ बोलना दिग्विजय सिंह का स्वभाव बन गया है। हाल ही में एक कांग्रेसी आचार्य प्रमोद कृष्णन ने इस बारे में दिग्विजय सिंह के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा है कि ये आतंकवादियों के बाप हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह सनातन संस्कृति पर आक्रमण करने वालों की फ्रंटलाइन में रहते हैं। ये भगवा आतंक की बात करते हैं, महाकाल लोक पर सवाल उठाते हैं, राम जन्मभूमि पर सवाल उठाते हैं, किसी दूसरे धर्म पर नहीं। ये पूछते हैं कि गाय कैसे माता हो सकती है? लेकिन बकरी पर कभी सवाल नहीं उठाते। जाकिर नाइक इनके लिए शांतिदूत है और वैश्विक आतंकी ओसामा बिन लादेन को ये ओसामा जी कहते हैं। ये बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए आतंकी के यहां आंसू बहाने सोनिया मैडम को ले जाते हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि भोपाल जेल से जब सिमी के आतंकी भागे, तो सबसे पहले दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए। इन्हें उज्जैन में लगने वाले पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे ‘काजी जी जिंदाबाद’ सुनाई देते हैं। ये कह रहे हैं कि नूह जैसे दंगे मध्यप्रदेश में भी होंगे। इनका बस एक ही काम है कि मुस्लिमों को डराओ, हिंदुओं को बांटो और दंगे कराओ। इन्होंने एक फर्जी फोटो को खरगोन की मस्जिद का फोटो बताकर पोस्ट कर दिया था।
*दोमुंही राजनीति करती है कांग्रेस*
डॉ. मिश्रा ने कहा कि ‘कांग्रेस की सियासत का इतना सा फसाना है, बस्ती भी जलाना है मातम भी मनाना है।‘ यही कांग्रेस का मूल चरित्र है। कांग्रेस दोमुंही राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि ये वही दिग्विजय सिंह हैं, जो यह कहते हैं कि अगर कांग्रेस पार्टी की सरकार आएगी, तो कश्मीर में धारा 370 बहाल कर दी जाएगी। कश्मीर में आज स्थिति सामान्य हो चुकी है और बड़ी संख्या में पर्यटक वहां आ रहे हैं। लेकिन ये कश्मीर में 370 वापस लाने की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि पीएफआई को भारत सरकार ने आतंकी संगठन घोषित किया है, लेकिन दिग्विजय सिंह उसके 97 प्रतिशत लोगों को बेकसूर बता रहे हैं। ये किस आधार पर क्लीनचिट दे रहे हैं, वो नहीं बताते। क्या ये इस मामले से जुड़ी जांच एजेंसियों पर दबाव बनाने की कोशिश है? क्या यह न्यायालय पर दबाव बनाने की कोशिश है? ये सिमी की तुलना बजरंगदल से करते हैं। कहां एक राष्ट्रवादी संगठन और कहां सिमी के राष्ट्रविरोधी लोग।
कांग्रेस की सरकारों में ही होता है कन्हैया का सिर तन से जुदा
डॉ. मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह की सरकार के समय प्रदेश में सिमी का नेटवर्क इतना मजबूत था कि झिरन्या के जंगलों में कुएं में भरे हुए हथियार मिले थे। जहां कांग्रेस या घमंडिया गठबंधन में शामिल दलों की सरकारें हैं, वहां भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगते हैं। वहीं, कन्हैया का सिर तन से जुदा होता है, क्योंकि ये आतंकियों को प्रश्रय देते हैं। लेकिन जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहां ऐसा कुछ नहीं होता। किसी आतंकवादी की हिम्मत नहीं है कि मध्यप्रदेश या उत्तरप्रदेश में ऐसा काम कर सके। डॉ. मिश्रा ने कहा कि ये कितने आश्चर्य की बात है कि किसी मुस्लिम देश ने हमास का समर्थन नहीं किया, लेकिन कांग्रेस उसका समर्थन कर रही है। कांग्रेस के इस रवैये को देखकर यह कल्पना की जा सकती है कि अगर ये सत्ता में आ गए, तो किसका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज जातीय जनगणना को लेकर जो बातें कर रही है, वह भी हिदुओं को बांटने की राजनीति का हिस्सा है और यह दिग्विजय सिंह जैसे लोगों की सोची समझी साजिश है।