कागजों में मृत लोग खुद को जिंदा साबित होने का सबूत देने पहुंचे जनसुनवाई में। बोले – साहेब हम जिंदा हैं।

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ग्वालियर।  ग्वालियर कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में बेहद अजीबोगरीब मामला सामने आया है,जहां मरे हुए लोग जनसुनवाई में पहुँचे, और जब जनसुनवाई में बैठे अधिकारियों से कहा कि साहब हम सब मरे हुए लोग है, तो उनके होश उड़ गए।

दरअसल मुरार क्षेत्र के जारगा गांव में वर्तमान में रहने वाले एक सपेरा परिवार के कुछ लोग कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे हुए थे,जहां उन्होंने खुद को मृत बताया। जब अधिकारियों ने इस अजीबोगरीब मामले में पूछताछ की तो परिवार के लोगों ने बताया कि उन्हें सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है,वह सभी खुद को जीवित साबित करने के लिए यहाँ आये है, मुरार ब्लॉक के मिर्धा खेरिया गांव का रहने वाला सपेरा परिवार कई सालों से अपने गांव को छोड़कर दूसरे गांव जारगा में जाकर बस गया, लेकिन इस सपेरा परिवार की जमीन जो इन्हें शासन ने पट्टे के रूप में दी थी,उस पर उनके ही रिश्तेदारों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर सरकारी कागजों में सपेरा परिवार को मृत घोषित करा दिया,ऐसा आरोप पीड़ित परिवार की ओऱ से अपनी शिकायत में लगाया गया है।

पीड़ित परिवार का कहना है कि कागजो में एक दो नही बल्कि तीन परिवार के 60 से ज्यादा लोगों को मृत घोषित करा दिया गया है, जब उन्हें इस फर्जीवाड़े की जानकारी लगी तो वह हैरान रह गए,यही वजह है कि वह अपने आप को जिंदा बताने कलेक्टर कार्यालय आने मजबूर हुए,उन्होंने अफसरों से कहा कि वह जिंदा है और उन्हें जो शासन ने भूमि आवंटित की थी उस पर से कब्जा हटवा कर उन्हें दिलाई जाए।

हालांकि सपेरा जाति के इस परिवार की मांग पर प्रशासन का कहना है कि शिकायतकर्ता परिवार ने भूमि संबंधित कोई प्रमाणित दस्तावेज नहीं दिखाया है लेकिन मामला सामने आने पर उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को भेजकर जांच करा कर मदद का आश्वासन दिया है।

 

बाइट-गयादीन

 

बाइट- प्रेमा बाई