कांग्रेसी जय-वीरू लूट के माल के लिए झगड़ रहे: शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बोले-मेरा नरा जैत में गढ़ा, कमलनाथ का नरा कहाँ गढ़ा ..? शिवराज जी, जय और वीरु ने ही अत्याचारी गब्बर सिंह का हिसाब किया था: कमलनाथ

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भोपाल।  कमलनाथ  का ये प्रदेश है ही नहीं, उनको मध्य प्रदेश से लगाव है ही नहीं, उनका नरा मध्य प्रदेश में गड़ा ही नहीं है,  वो मध्य प्रदेश को बदनाम करते हैं। चौपट प्रदेश कहना मध्य प्रदेश का अपमान है। मध्य प्रदेश की जनता का अपमान है।शिवराज से राजनैतिक बैर है तो आप मेरा अपमान करो ना, मुझे गालियां दो, मध्य प्रदेश का अपमान क्यों करते हो..? यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जी,

जय और वीरु ने ही अत्याचारी गब्बर सिंह का हिसाब किया था। मध्य प्रदेश 18 साल से अत्याचार से त्रस्त है। अत्याचार के अंत का समय आ गया है। बाक़ी आप समझदार हैं…

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ मेरे प्रदेश को चौपट कहने वालों चौपट करने की तुम कोशिश करते थे।

ये वो धरा है, जहां धन संपदा, वन संपदा, खनिज संपदा, जन संपदा, प्राकृतिक संसाधन, यहां के भोले-भाले लोग, इनको चौपट कहते हो, इसके पहले भी भारत बदनाम है; देश का अपमान किया इन्होंने।ये मध्य प्रदेश और देश का अपमान प्रदेश की जनता सहन नहीं करेगी।ये जय और वीरू की जोड़ी है जिसे दिल्ली बुलाया गया। अब वो कहते हैं कि भाजपा भ्रम फैला रही है तो दिल्ली क्यों बुला रही है!कांग्रेस के जय और वीरू झगड़ रहे हैं आपस में और ये लड़ रहे हैं लूट के माल के लिए।

 

जय और वीरू तो लूटते ही थे, इनका झगड़ा  है लूट के माल के लिए!

 

शिवराज ने कहा कि पहले भी 2003 तक मिस्टर बंटाढार में पूरे प्रदेश को लूटा और बर्बाद कर दिया सवा साल में श्री कमलनाथ जी ने भी लूट का अड्डा बना दिया था।अब आगे कौन लूटे और कितना लूटे और उसमें कितनी हिस्सेदारी हो झगड़ा इनका केवल इस बात का है अब दिल्ली भी पता नहीं इन पर किस मुद्दों पर चर्चा कर रही है। क्या दिल्ली भी इसमें शामिल है।कल मैंने उन्हें सेठ कहा तो वो आपत्ति व्यक्त कर रहे हैं मैं सेठ हूँ क्या… मैं उद्योगपति हूँ क्या… ?तो  कमलनाथ जी को मैं सेठ न कहूँ तो क्या कहूँ मजदूर कहूँ, फसल काटने वाला कहूँ, गिट्टी-मिट्टी उठाने वाला कहूँ वो स्वयं कहते हैं मैं निजी प्लेन में घूमता हूँ।

अब निजी प्लेन किसान के पास नहीं होता है, मजदूर के पास नहीं होता, गरीब के पास नहीं होता है। उनका एक पाँव देश में रहता है एक पाँव विदेश में रहता है।

सेठ को सेठ न कहें तो क्या कहें।सेठ को सेठ कहने में आपत्ति क्या है।