भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने ग्वालियर मामले में प्रभावित छात्रों के अभिभावकों को मदद का दिया भरोसा
कुलपति को अस्पताल पहुंचाने वाले छात्रों की मंशा अपराधिक नहीं मानवतावादी थी
कुलपति की जान बचाने के प्रयास में छात्रों से अज्ञानतावश हुआ अपराध: विष्णुदत्त शर्मा
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति को अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहन ले जाने के मामले में छात्रों को आरोपी बनाए जाने के मामले पर संज्ञान लिया है। प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने छात्र एवं उनके अभिभावकों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। श्री शर्मा ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रणजीत सिंह जो दिल्ली से झांसी जा रहे थे, उनका अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया। उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए मानवीयता के आधार पर छात्रों ने ग्वालियर रेल्वे स्टेशन पर आनन-फानन में उन्हें उतारा और समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी न्यायाधीश की कार का उपयोग किया, ताकि कुलपति को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। हालांकि कुलपति प्रो. रणजीत सिंह की जान नहीं बचाई जा सकी, उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस पूरे मामले में कुलपति की सहायता करने वाले छात्रों पर गंभीर धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया।
श्री शर्मा ने कहा कि दोनों छात्रों ने मानवीय आधार पर कुलपति की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए, छात्रों का उद्देश्य मानवतावादी था। श्री शर्मा ने छात्रों के परिजनों को भरोसा दिलाया है कि उन पर दर्ज प्रकरण को लेकर मानवता के आधार पर हर संभव मदद की जाएगी। छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन पर दर्ज प्रकरण को वापस कराने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जाएगा। श्री शर्मा ने अभिभावकों को आश्वासन दिया कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए जल्द से जल्द मामले को सुलझाने की कोशिश की जाएगी।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र
कुलपति की जान बचाने पवित्र उद्देश्य के साथ किया गया अपराध
महोदय,
प्रणाम।
समाचार पत्रों के माध्यम से एक प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है जिस पर मैं आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूँ। निजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रणजीत सिंह जी का दिल्ली से झांसी जाते समय ट्रेन में अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया और उनके साथ यात्रा कर रहे कुछ छात्रों ने उन्हे इलाज हेतु ग्वालियर स्टेशन पर उतारा और रेलवे स्टेशन के बाहर छात्रों ने न्यायाधीश की कार का उपयोग चाबी छीन कर किया जिससे कुलपति को अस्पताल पहुंचाकर उन्हें शीघ्र चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। हालांकि बाद में अस्पताल में कुलपति जी को नहीं बचाया जा सका और इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा चोरी एवं डकैती की धाराओं के अंतर्गत दो छात्रों पर प्रकरण दर्ज कर लिए गए।
महोदय, चूंकि यह एक अलग तरह का मामला है जिसमें पवित्र उद्देश्य के साथ अपराध किया गया है। इस मामले में दोनों छात्र हिमांशु और सुकृत ने मानवीय आधार पर सहयोग एवं जान बचाने के अभिप्राय से यह अपराध किया है। छात्रों का भाव किसी तरह का द्वेष या अपराधिक कार्य करने का नहीं था। चूंकि यह एक अपराध है, लेकिन क्षमायोग्य कृत्य भी है। अत: मेरा निवेदन है कि, माननीय उच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान लेकर दोनों छात्रों के भविष्य को देखते हुए दर्ज प्रकरण को वापस लेकर छात्रों को क्षमा करने की कृपा करें।
सादर
शिवराज सिंह चौहान
प्रति,
श्रीमान मुख्य न्यायाधीश महोदय जी माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर मध्यप्रदेश