Do better work for the development and public interest of Ujjain division through mutual coordination and communication: Additional Chief Secretary Rajoura
- सिंहस्थ के कार्यों की सतत मॉनिटरिंग की जाएं, विकास कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण हो
- अपर मुख्य सचिव श्री राजौरा ने की उज्जैन संभाग के विकास और सिंहस्थ के कार्यों की समीक्षा
उज्जैन ! अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में गुरुवार को प्रशासनिक संकुल भवन में विकास कार्यों और सिंहस्थ 2028 के संबंध में संभागीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज, विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीश मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल ,नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, संभागायुक्त संजय गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक एमआर बघेल, डीआईजी नवनीत भसीन,कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा सहित उज्जैन संभाग के सभी जिलों के विधायकगण, कलेक्टर , जिला पंचायत सीईओ, निगम आयुक्त सहित संभागीय एवं जिला अधिकारी उपस्थित रहें।
अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने बैठक में उज्जैन संभाग के जिलेवार विकास कार्यों की समीक्षा की और संबंधित जिले के विधायकगणों से चर्चा कर उनके क्षेत्र विशेष के मुद्दों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि परस्पर समन्वय और संवाद से उज्जैन संभाग के विकास और जनहित में बेहतर कार्य करें। जिला और संभाग स्तर के मुद्दों का निराकरण कराएं। राज्य स्तर पर निर्णय योग्य मुद्दों का प्राथमिकता से निराकरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोकसेवकों और जनसामान्य के मध्य स्वस्थ संवाद बना रहें। जनसमस्याओं और जनप्रतिनिधियों से प्राप्त मुद्दों का सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकरण किया जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि विकास कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किए जाएं। जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजनाओं के कार्य गुणवत्ता पूर्ण रूप से हो। व्यवस्थित टेस्टिंग के उपरांत ही नल जल योजनाएं हैंड ओवर की जाए। ठेकेदारों द्वारा सड़क रेस्टोरेशन का कार्य भी समय पर किए जाएं। सड़क मरमत कार्य में लापरवाही और लेटलतीफी करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए। सभी जिला कलेक्टर जल जीवन मिशन के कार्यों की सतत मॉनिटरिंग करें।
उन्होंने निर्देश दिए कि स्मार्ट सिटी अंतर्गत प्रगतिरत विकास योजनाओं, उनके क्रियान्वयन और प्रगति से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी समय समय पर अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि जिलों में ट्रांसफार्मर, बिजली आपूर्ति, तारों और खंबों संबंधी समस्या का त्वरित निराकरण किया जाएं। सभी जिले के कार्यपालन यंत्री एमपीईबी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर बिजली संबंधी मुद्दों का प्राथमिकता से निराकरण कराएं। उन्होंने नेशनल हाईवे, लोक निर्माण विभाग, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम , प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत स्वीकृत सड़क निर्माण कार्यों को निर्धारित समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव राजौरा ने सिहंस्थ 2028 के कार्यों की समीक्षा कर निर्देश दिए कि स्वीकृत विभिन्न विकास कार्यों में टेंडर प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर उन्हें प्रारंभ करवाएं। सिंहस्थ के कार्यों की सतत मॉनिटरिंग की जाएं। ताकि निर्माण कार्य अपने निर्धारित समय पर पूर्ण हो सकें। सिंहस्थ के संबंध में जल निगम द्वारा जल संरचनाओं, पेयजल आपूर्ति , सीवेज डिस्पोजल प्लान और पानी की आवश्यकता के संबंध में जानकारी दी गईं। बताया गया कि सिंहस्थ के लिए अतिरिक्त 160 से 170 एमएलडी पानी की आवश्यकता होगी। सीईओ उज्जैन विकास प्राधिकरण श्री संदीप सोनी द्वारा सिंहस्थ के मास्टर प्लान के संबंध में जानकारी दी गई। योजना एवं वास्तुकला विद्यालय भोपाल द्वारा हेरिटेज डेवलपमेंट, उज्जैन शहर का सतत विकास, जल की सुचारू निकासी, बाढ़ आपदा प्रबंधन, भीड़ प्रबंधन, हीट वेव मैनेजमेंट, रिस्क प्रोफाइल एनालिसिस इत्यादि पर प्रस्तावित कार्ययोजना के संबंध में जानकारी दी गई। बैठक में उज्जैन में लोक निर्माण विभाग वर्तमान के साथ एक पृथक डिवीजन बनाने का सुझाव दिया गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा उज्जैन संभाग के सभी जिला कलेक्टर से एनएच, पीडब्ल्यूडी, एमपीआरडीसी, ब्रिज, रेलवे, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण , पीएमजीएसवाई, शिक्षा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी , नगर निगम , स्मार्ट सिटी अंतर्गत प्रगति की जानकारी ली और विकास में आ रही बाधाओं के संबंध में जानकारी ली। जिलों के विधायकगण द्वारा भी विभिन्न जनहित के मुद्दों के संबंध में अपर मुख्य सचिव को अवगत कराया गया। साथ ही विकास कार्यों संबंधी मुद्दों के बारे में भी जानकारी दी।