Amarkantak of Madhya Pradesh is surrounded by beautiful hills and temples, know everything about it
अमरकंटक नाम की उत्पत्ति को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित हैं. प्रसिद्ध संस्कृत कवि कालिदास ने इस स्थान का नाम अमरकूट बताया है क्योंकि यहां आम (अमरा) के बहुत सारे पेड़ थे. कहा जाता है किबाद में अमरकूट अमरकंटक बन गया.
Amarkantak Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश स्थित अमरकंटक हिंदुओं का प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है जो अनूपपुर और शहडोल के तहसील पुष्पराजगढ़ में मेकल की पहाड़ियों के बीच बसा हुआ शहर है. यहां सुप्रसिद्ध अमरकंटक मंदिर है जो 1065 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. पहाड़ों और घने जंगलों मे बीच इस मंदिर की खूबसूरती अलग ही प्रतीत होती है. यह छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा है. यह जगह विंध्य, सतपुड़ा और मैदार की पहाड़ियों का मिलन स्थल है, जिसका दृश्य मन मोह लेने वाला होता है. अमरकंटक तीर्थराज के रूप में भी काफी प्रसिद्ध है. यही वजह है कि इस मंदिर को देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं.
अमरकंटक नाम की उत्पत्ति को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित हैं. प्रसिद्ध संस्कृत कवि कालिदास ने इस स्थान का नाम अमरकूट बताया है क्योंकि यहां आम (अमरा) के बहुत सारे पेड़ थे. कहा जाता है किबाद में अमरकूट अमरकंटक बन गया. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, जब भगवान शिव ने आग से त्रिपुरा को नष्ट कर दिया तो तीन में से एक राख अमरकंटक पर गिर गई, जो हजारों शिवलिंगों में बदल गई. ऐसा ही एक लिंग ज्वलेश्वर में आज भी पूजा जाता है. संस्कृत में अमरकंटक का अर्थ है अनंत स्त्रोत, जो भारत कि सबसे पवित्र नदी नर्मदा नदी से जुड़ा हुआ है. यहां कई सारे मंदिर हैं जो कि विभिन्न शासकों के युग का वर्णन करते हैं. अमरकंटक में प्रमुख आकर्षण नर्मदाकुंड और कलचुरी काल के प्राचीन मंदिर हैं. नर्मदाकुंड के मंदिर परिसर के भीतर 16 छोटे मंदिर हैं, जो शहर के मध्य में स्थित हैं.
अमरकंटक के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल
अमरकंटक में कई प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हैं. यहां टूरिस्ट नर्मदा नदी का उद्गम स्थल देख सकते हैं. कलचुरी का प्राचीन कालीन मंदिर देख सकते हैं. इसके अलावा, कर्ण मंदिर, पातालेश्वर मंदिर,सोनमुडा अमरकंटक, दूधधारा प्रपात अमरकंटक, कपिल धारा प्रपात अमरकंटक इत्यादि जगहों पर पर्यटक घूम सकते हैं.
नर्मदा नदी का उद्गम स्थल
अमरकंटक में नर्मदा नदी और सोनभद्रा नदियों का उद्गम स्थल है. यह आदिकाल से ही ऋषि और मुनियों की तपोभूमि रही है. नर्मदा का उद्गम यहां के एक कुंड से और सोनभद्रा के पर्वत शिखर से हुआ है. नर्मदा नदी यहां पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है. इस नदी को “मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवनदायनी नदी” भी कहा जाता है. ऐसे में आप यहां नर्मदा नदी का उद्गम स्थल घूम सकते हैं.