शिक्षा विभाग का लेखापाल 50 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार

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Education department accountant arrested for taking Rs 50,000 bribe
Education department accountant arrested for taking Rs 50,000 bribe


Education department accountant arrested for taking Rs 50,000 bribe

ट्रेजरी में बिल लगाने के लिये मांगी थी डेढ़ लाख की रिश्वत, 5 लाख 71 हजार का था बिल

भोपाल / रीवा। रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लेखापाल को लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार की दोपहर 1.30 बजे के आसपास 50 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. रिटायर्ड शिक्षक से ट्रेजरी में बिल लगाने के एवज में डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी थी और 50 हजार लेते हुए पकड़ा गया. जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले की जांच की जा रही है.
लोकायुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता वीरेन्द्र कुमार शर्मा निवासी ग्राम सुरसा खुर्द तहसील रायपुर कर्चुलियान रीवा दो वर्ष पूर्व शिक्षक पद से रिटायर हुए थे और रिटायरमेंट के पश्चात अर्जित अवकाश का बिल भुगतान ट्रेजरी में लगाने के लिये बीईओ कार्यालय में पदस्थ लेखापाल दयाशंकर अवस्थी ने डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी थी. 5 लाख 71 हजार का बिल था और लेखापाल ट्रेजरी में बिल नही लगा रहा था. डेढ़ लाख रिश्वत मांगने की शिकायत लोकायुक्त एसपी कार्यालय रीवा में की गई. जिसके बाद एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने शिकायत की जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई. आरोपी लेखापाल दयाशंकर अवस्थी पहली किश्त 50 हजार लेकर शिकायतकर्ता को बुलाया था. दोपहर 1.30 बजे रायपुर कर्चुलियान स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सामने बनी पार्किंग में जैसे ही आरोपी ने 50 हजार की रिश्वत ली, उसी समय लोकायुक्त पुलिस ने दबोच लिया. आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है. कार्यवाही का नेतृत्व प्रमेंद्र कुमार ने किया और डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार, राजेश खेडे सहित 15 सदस्यीय टीम मौजूद रही.

50 हजार लेते आरोपी गिरफ्तार: एसपी लोकायुक्त
लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि सेवानिवृत्त शिक्षक वीरेन्द्र कुमार शर्मा से आरोपी लेखापाल ने ट्रेजरी में बिल लगाने के लिये डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी थी और प्रथम किश्त 50 हजार लेते हुए गिरफ्तार किया गया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.